भीमकुंड का पूरा पानी बहने में लग गए थे तीन साल, सूखने से बना बड़ा तालाब

हमारा बड़ा तालाब नेचुरल नहीं, बल्कि मैन-मेड तालाब है, जिसे आज से करीब 1000 साल पहले परमार वंश के राजा भोज ने बनवाया। राजा भोज को क्यों जरूरत पड़ी इस तालाब को बनाने की, इसकी कहानी सुना रहे हैं पुरातत्वविद डॉ. नारायण व्यास- कहा जाता है कि राजा भोज को कुष्ठ रोग था और उन्हें सलाह दी गई कि वे 9 नदियों 99 नालों के पानी में स्नान करके शिव की आराधना करेंगे, तो इस चर्मरोग से उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। इसी उपाय के लिए उन्होंने बेतवा नदी में मिलने वाली अन्य नदियों का अध्ययन किया और तीन बांध तैयार किए। एक बांध बेतवा नदी पर बनाया, एक भोपाल की ओर आ रही कोलांस नदी और दूसरा कलियासोत नदी पर। इन तीनों बांधों से नदियों का पानी एकत्रित होना शुरू हुआ और एक विशाल कुंड का निर्माण हुआ, जिसे भीम कुंड नाम दिया गया।


कैनाल आज भी काम कर रही है
भीम कुंड भोपाल से भोजपुर तक फैला था। कोलांस नदी पर बना बांध ही आज के समय का कमला पार्क के नीचे बना बांध है, जिसे राजा भोज ने बनवाया। बांध में पानी ओवरफ्लो न हो, इसके लिए एक कैनाल बनवाई जो बड़े तालाब का पानी छोटे तालाब में पहुंचा देती है। यह कैनाल आज भी काम कर रही है। 


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